शक्तिनगर,सोनभद्र। परिक्षेत्र के एनसीएल दुद्धीचुआ परियोजना द्वारा माइंस का दूषित पानी रिंहद जलाशय में लगातार कई वर्षों से छोड़ा जा रहा है। जिससे जलाशय का पानी लगातार दूषित होते हो रहा है। वही एक तरफ एनटीपीसी सिंगरौली शक्तिनगर परियोजना का विस्तार का कार्य जोरो पर चल रहा है जिससे क्षेत्र का विकास हो पर एनसीएल दुद्धीचुआ परियोजना की इस घोर लापरवाही के कारण लोगों में विनाश का कारण बन रहा है ये वही रिंहद जलाशय जो सोनभद्र और सिंगरौली जिले के सबसे बड़ी रिंहद जलाशय के रूप में जाना जाता है रिंहद जलाशय में सरकार द्वारा बकायदा टेंडर जारी कर मछली उत्पादन के कार्य के साथ साथ आसपास के हजारों की तादात में ग्रामीणों द्वारा कृषि कार्य के लिए उसी पानी का प्रयोग किया जाता है। परियोजना की इस घोर लापरवाही के कारण कई बार एनजीटी द्वारा कड़ी कार्यवाही करते हुए जुर्माना भी लगाया गया था पर परियोजना के कान पर जू तक नहीं रेंगा। हालात ये है कि तकरीबन दस किलोमीटर के दायरे में प्रदूषण का ऐसा प्रभाव है कि हर तीसरा व्यक्ति बीमार है। परियोजना के आसपास स्थित लोगों के हालात बद से बत्तर हो चुके है लोगों में रोजगार अभाव होने के कारण रिंहद जलाशय में छोड़े जा रहे माइंस के दूषित पानी में कोयले को चुन कर जीवन यापन करने को मजबूर है वही इस पानी का उपयोग नमामि गंगे में भी किया जा रहा है।
रिंहद जलाशय में छोड़ा जा रहा दूषित पानी,जिम्मेदार मौन
byडी.डी.यादव,(प्रधान संपादक)
-
0