आपराधिक मुकदमे के विचाराधीन रहते,उत्तर प्रदेश पुलिस की दंड एवं अपील नियमावली के नियम अंतर्गत की जाने वाली विभागीय कार्रवाई पर रोक

वाराणसी। याची आशीष कुमार पटेल पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर ने याची के विरुद्ध के उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों की दंड एवं अपील नियमावली 1991 के नियम 14(1) के अंतर्गत की जाने वाली विभागीय कार्रवाई के आदेश को हाइकोर्ट में चुनौती देकर कार्यवाही रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल किया।याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने न्यायमूर्ति जे जे मुनीर के समक्ष बहस में बताया कि याची थाना लोहता जिला वाराणसी में कार्यरत था और एक मुकदमे की लूट की जांच में याची ने दो अभियुक्त काशिफ व शाहरुख खान को जेल भेजने के पश्चात अभियुक्त काशिफ के पिता ने एंटी करप्शन टीम में शिकायत किया कि याची ने धारा कम करने के लिए ₹40,000 मांगे हैं ट्रैप टीम के द्वारा याची के साथ बैठे मासूम अली से ₹40,000 रुपए की रिकवरी दिखाते हुए एन्टी करप्शन टीम ने याची व अन्य को जेल भेज दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों की दंड एवं अपील नियमावली 1991 नियम 14 (1) के अंतर्गत विभागीय कार्यवाही पर आरोप पत्र दिए जाने के आदेश को याची ने माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दिया है। याची को उसी समय सस्पेंड कर दिया गया था याची के पास से रिकवरी ना होने के आधार पर हाईकोर्ट ने याची की जमानत याचिका मंजूर कर ली। याची के अधिवक्ता ने बताया कि याची के विरुद्ध अपराधिक व विभागीय कार्रवाई एक ही साक्षय व आरोप पर चलाई जा रही है आपराधिक कार्रवाई के परिणाम आने के उपरांत ही विभागीय कार्यवाही  की जा सकती है। विभागीय कार्यवाही से याची को बर्खस्तगी की कार्यवाही की जा सकती है। जिस पर हाईकोर्ट ने याची की अधिवक्ता सुनील चौधरी को सुनकर याची के विरुद्ध चल रही विभागीय आरोप पत्र पर रोक लगा दिया और दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और 48 घण्टे के अंदर आदेश की प्रति रजिस्ट्रार के द्वारा व  सी जे एम के द्वारा अपर पुलिस कमिश्नर वाराणसी को भेजने का आदेश दिया।

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