Sonbhadra news:राजभवन में राज्यपाल को सौपा ज्ञापन, अनुसूचित जाति जनजाति के साथ-साथ पिछड़ों व सबर्णो को भी दिया जाय बनाधिकार का पट्टा

सोनभद्र।सोमवार को सोनभद्र, चंदौली मिर्जापुर का प्रतिनिधिमंडल पंडित आलोक कुमार चतुर्वेदी के नेतृत्व में लखनऊ स्थित राजभवन में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से मुलाकात किया। प्रतिनिधि मंडल में पंडित आलोक कुमार चतुर्वेदी सोनभद्र,धनंजय पाठक सोनभद्र,ठाकुर दिग्विजय सिंह मिर्जापुर,जितेंद्र कुमार अग्रहरी मिर्जापुर,बादल पांडे मिर्जापुर, अभय प्रताप सिंह चंदौली शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने माननीया राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार मुलाकात करते हुए सोनभद्र,चंदौली,मिर्जापुर के समसामयिक विषयों पर चर्चा किया।प्रतिनिधि मंडल ने चर्चा करते हुए कहा कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वननिवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 अंतर्गत अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति के साथ-साथ पिछड़ों व सबर्णो को भी पट्टा के अधिकार दिए जाय। पंडित आलोक कुमार चतुर्वेदी ने श्रीमती आनंदीबेन पटेल से कहा कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वननिवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 तथा नियम 2008-संशोधन नियम 2012 में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार पिछड़ों व अन्य जाति के लोगों के भी आवेदन लिए जाएं क्योंकि अधिनियम में यह स्पष्ट है कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के साथ-साथ अन्य परंपरागत वन निवासी को भी पट्टा का अधिकार दिया जाएगा। किंतु जनपद में अन्य परंपरागत निवासियों के प्रार्थना पत्र न हीं लिए जा रहे हैं और ना ही उस पर विचार करते हुए स्वीकृत किया जा रहा है ऐसी दशा में सक्षम स्तर को यह निर्देशित करें की अन्य परंपरागत वन निवासियों अर्थात पिछड़ों व सबर्णो के प्रार्थना पत्र लिए जाएं उस पर नियमानुसार विचार किया जाए और उन्हें बनाधिकार के पट्टे दिए जाय। प्रतिनिधिमंडल ने अन्य विषयों पर भी कुछ चर्चा किया जिसके प्रमुख बिंदु 
सबर्ण समाज बाहुल्यता वाले जनपद सोनभद्र में  सबर्णो की सुरक्षा हेतु उचित कदम राज्य सरकार उठाते हुये समस्या निस्तारण हेतू अलग से मजिस्ट्रेट की न्यूक्ति हो,जनपद में सबर्णो पर हुए मुकदमों की मजिस्ट्रेट से जांच कराते हुए त्वरित निस्तारण हो और राज्य सरकार फर्जी मुकदमों को वापस करें,सबर्णो पर कुछ जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के द्वारा की जा रही जाति सूचक टिप्पणियों पर वार्निंग पत्र जारी किया जाए जिससे कि वे भविष्य में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी कर वर्ग संघर्ष कराने जैसी स्थिति न उत्पन्न कर पाए,जनपद में तैनात  सबर्ण अधिकारी और कर्मचारियों को पीड़ित करने की दृष्टि से लंबित कार्यवाहियों को त्वरित गति से निश्तारित करते हुए सरकार के प्रति पूर्ण मनोयोग से कार्य करने हेतु मनोबल प्रदान किया जाए, जनपद में स्थापित कंपनियों के "सीएसआर” यानी “कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी" फंड को अन्य समुदाय के साथ-साथ गरीब  सबर्ण परिवार के बच्चों के शिक्षा,स्वास्थ्य,संस्कार, स्वावलंबन,पर भी खर्च किया जाए, जनपद में शासन व जिला प्रशासन के सहयोग से लगने वाले मेडिकल तथा लाभार्थी परक कैंपों को सर्वजन हिताय की दृष्टि से बिना भेदभाव किये हर गांव में लगाए जाएं जिससे कि अन्य सभी जाति के भगिनी वंन्धुओ के साथ-साथ गरीब सवर्ण समाज के भी लोगों को उसका लाभ मिल सके।

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