dsandesh: चौदह नाबालिग बच्चों को बाल तस्करी से कराया गया मुक्त,बाल मजदूरी कराने ले जा रहे थे शामली


सोनभद्र/चोपन। जनपद सोनभद्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यहां गरीबी बहुत है जिस वजह से यहा से हमेशा बच्चों को बाहर कमाने के लिए भेजा जाता रहा है कुछ बच्चों को बिना सहमति के भी बाहर ले जाकर बाल श्रम करवाया जाता है जिस सम्बंध में आज तक हजारों मामले संज्ञान में आते है बहुत से बच्चे जनपद से बाहर कमाने गए जो आज तक वापस नहीं आये जिसके सम्बन्ध में थानों में रिपोर्ट भी दर्ज होती है।लेकीन यह सिलसिला रुकने नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार की रात लगभग 10 बजे फोन के माध्यम से महिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष सावित्री देवी को सूचना मिली की लगभग एक दर्जन से ज्यादा बच्चों को कुछ लोग स्टेशन पर लेकर चढ़ रहे है। सूचना प्राप्त होते ही 10 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच मामले में बच्चों से जानकारी लिया। संदिग्ध समझ में आने पर सावित्री देवी ने डीआरएम, आरपीएफ,डीएम,एसपी, एडीएम,को सूचना दिया गया जिसके बाद सूचना को गंभीरता में लेते हुये फ़ौरन मौके पर आरपीएफ इंस्पेक्टर अखिलेश सिंह मय फ़ोर्स, जीआरपी टीम व चोपन प्रभारी निरीक्षक विश्वनाथ प्रताप सिंह मय फ़ोर्स व डीएम सोनभद्र के निर्देश में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोनभद्र सुधांशु शेखर शर्मा,जिला बाल संरक्षण इकाई से ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे महिला शक्ति केन्द्र से जिला समन्वयक  साधना मिश्रा थाना  एएचटीयु से प्रभारी निरीक्षक रामजी यादव मुख्य आरक्षी धनञ्जय यादव की संयुक्त टीम मौके पर धमक पड़े। जिसके बाद 14 बच्चों से उनके परिवार जन की जानकारी लिया गया अपने साथ इन बच्चों को ले जा रहे 2 संदिग्ध लोगों से भी पूछ ताछ किया गया तो जानकारी मिली की इन बच्चों को मजदूरी कराने के लिए शामली ले जाया जा रहा था। जानकारी लेने के बाद 14 नाबालिक बच्चों को आवासित कराने ले लिए जिला बाल संरक्षण इकाई,एएचटीयु टीम अपने अभिरक्षा में लेते हुए नियमानुसारआवश्यक कार्यवाही करते हुए संस्था बाल गृह बालक उरमौरा रावर्टसगंज मे आवासित करवा दिया गया है।साथ आरपीएफ से सुपुर्दगी नामा लेकर ले गये व दो व्यक्ति जो अपने साथ लेकर बच्चों को जा रहे थे उन लोगों को आरपीएफ द्वारा जीआरपी को मामले में विधिक कानूनी कार्यवाही के लिए दिया गया।

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