dsandesh:बरसात से पहले ज्यादा से ज्यादा नदी को खोदने की होड़,दिखावे के लिए एक दो परमिट काटकर चौबीसों घण्टा छलनी की जा रही कनहर नदी


एक ही दिन में लाखों लाख का  बालू चोरी कर सरकार को पकड़ा रहे झुनझुना 
सोनभद्र| दुद्धी तहसील मुख्यालय से 5 किमी दूर कोरगी और 40 किमी दूर खोखा बालू साइट से बालू का खनन कर अवैध परिवहन जोरों से चल रहा है। कोरगी बालू साइट से तो दिन भर में एक दो परमिट जारी कर सैकड़ो टिपर बालू कोन,कुड़वा,विंढमगंज, दुद्धी क़स्बा सहित पड़ोसी राज्य झारखंड के मकड़ी, बिलासपुर तक ढ़ोया जा रहा है। वहीं कमोबेश खोखा बालू साइट की भी यही स्थिति बनी हुई है लेकिन यहाँ अवैध बालू परिवहन का अनुपात थोड़ा कम है क्योंकि यहां बाहरी गाड़िया ज्यादा है। जिम्मेदार अफसर कुम्भकर्णी निद्रा में सोए हुए है। जब कभी जागते है तो एकाएक गाड़ी पकड़ कर कार्रवाई कर खुद की पीठ थपथपाने लगते है। लेकिन प्रतिदिन लाखों की हो रही राजस्व की चोरी में नाकाम साबित हो रहे है,जहाँ चारों तरफ अवैध खनन का शोर मचा हुआ है वहीं अफसर कमजोर देखे जा रहे है। अब अवैध खनन के खेल ऊंचे लेबल पर हो रहा है या ये अफसर इसे ऊंचे लेबल का बता अपनी गोटी सेट किये है यह उच्च स्तरीय जांच का विषय है। ग्रामीण बितन गुप्ता ,राकेश,रमेश आदि का कहना है कि यहां कनहर नदी का प्रतिदिन सीना छलनी कर सैकड़ो टिपर बालू अवैध निकाले जा रहे है वहीं इसके एवज में सरकार को राजस्व के रूप में झुनझुना पकड़ा रहे है। सभी अधिकारी अपनी मोटी हिस्सेदारी तय कर सोए हुए हैं। और जब कोई ग्रामीण इसको लेकर आवाज मुखर करता है  तो ठीकेदार के गुर्गे उसे धमकाने घर पहुँच जाते हैं।जहाँ ये जिम्मेदार योगी सरकार की जीरो टॉलरेन्स की नीति को धत्ता बता सरकार का नाम बदनाम कर रहे है वहीं दूसरी ओर धरातल पर कनहर नदी अपने अस्तित्व के लिए त्राहिमाम- त्राहिमाम कर रही है।
बरसात से पहले ज्यादा से ज्यादा नदी को खोदने की होड़
बरसात से पूर्व कोरगी व खोखा बालू साइटों पर ज्यादा से ज्यादा अवैध बालू खोदने की होड़ साइट संचालकों में मची है जिससे ज्यादा से ज्यादा अवैध धन उगाही हो सके| और आगामी 15 दिनों में आने वाली बारिश से बाढ़ की पानी से उनकी कारस्तानी मिट सके| सूत्रों ने बताया कि कोरगी बालू साइट पर खनन कर बिना परमिट बालू बेचने की पराकाष्ठा चल रही है ,इस माह परमिट  पोर्टल बन्द होने के बाद जब से पोर्टल खुला है दिखावे के लिए एक दो परमिट जारी किए जा रहे है वहीं खोखा के ग्रामीणों ने बताया कि बिना पत्थरगढ़ी किये नदी के लंबे चौड़े एरिया से बेरोक टोक बालू निकाला जा रहा है |

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