सोनभद्र/रेणुकूट। म्योरपुर ब्लॉक के खाड़ पात्थर स्थित ग्रीन लैंड स्कूल परिसर में शनिवार की शाम भूगर्भ जल विषय पर स्कूल के प्रबंधक राजीव सिन्हा की अध्यक्षता में तालाबों और कुओं का महत्व विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया ।जिसमे जल प्रबंधन और सरंक्षण पर चर्चा के साथ व्यक्तिगत रूप से जल की बरबादी रोकने की चर्चा के अतिरिक्त जल प्रदूषण पर चर्चा की गई।पर्यावरण कार्यकर्ता और सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी के वरिष्ठ सदस्य सी जगत नारायण विश्वकर्मा ने मानव सभ्यता से लेकर राज तंत्र तक जल प्रबंधन और सरंक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान के जयपुर स्थित पहाड़ी के किले पर तालाब के जरिए वर्षा जल को संरक्षित करने की विधि हमे बताती है की पहले के लोग पानी को लेकर कितना गंभीर थे गावो में तालाब और कुंए की व्यवस्था और पौध रोपण से जल सरंक्षण होता था।लेकिन हमने विकास की अंधी दौड़ में पानी का केवल दोहन शुरू किया जिससे समस्या खड़ी हुई।विश्वकर्मा ने औधौगिक प्रदूषण से हवा पानी में घुल रहे पारा फ्लोराइड आर्सेनिक सीसा क्रॉनियम जैसे विषैले तत्त्वों की जानकारी देते हुए इससे मनुष्य पशु पक्षी और प्रकृति पर पड़ रहे असर की चर्चा की और हर घर नल जल योजना में रिहंद जलाशय से पानी आपूर्ति की योजना पर सवाल खड़े किए।बाबू राम सिंह महा विद्यायल के प्राध्यापक रामू और इंजीनियर सुभाष चंद्रा ने सोनभद्र में भूगर्भ जल की वैज्ञानिक स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि मेड बंधी,कंटूर बंधी के साथ पौध रोपण के जरिए सुखी धरती की प्यास बुझाने का प्रयास होना चाहिए । जंगल का पानी जंगल ने गांव का पानी गांव में रुकेगा तो जल स्तर बढ़ेगा । वन विभाग से अवकाश प्राप्त प्रेमचंद जैन,बृजकुमार ने प्रकृति के विपरीत विकास को खरनाक बताते हुए वन्य जीवों के विलुप्त होने जड़ी बूटी फल फूल कंदमूल पर प्रदूषण का असर को लेकर चिंता जताई वही अखिलेश यादव,आशीष शुक्ला,अनिल पांडेय आनंद गुप्ता आदि ने जल की बर्बादी पर चिंता जताते हुएं व्यक्तिगत रूप से जल सरंक्षण के प्रयास का आह्वान किया।संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार और पर्यावरण चिंतक एस पी पांडेय ने तालाबों को संरक्षित करने पर बल देते हुए अधिक से अधिक पौध रोपण का आह्वान किया।मौके पर अभय भार्गव, सर्वेश सिंह,अभिताभ मिश्रा,आशीष शुक्ला,दिवाकर दिवेदी,अनिल पाण्डेय, दिलीप पाण्डेय,मस्तराम मिश्रा, प्रमोद कुमार मुकेश झा,ध्रुमेंद्र तिवारी, आशीष मिश्रा,राज वर्मा समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
dsandesh:तालाब और कुंए को पुनर्जीवित करने का हो प्रयास तो बचेगा जल,प्रदूषण और दोहन से सोनांचल में बढ़ रहा है जल संकट
byडी.डी.यादव,(प्रधान संपादक)
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