सोनभद्र। एनजीटी ने मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और बिहार के डिहरी ऑन सोन तक सोन घड़ियाल कारीडोर को वन्यजीव अभ्यारण बनाने के अभिमत के साथ सोनभद्र के सोन नदी बालू खनन पर प्रतिबन्ध के साथ ही पट्टा धारको के अवैध कमाई की जांच ई डी से कराने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक चौबे एवं संस्थान के अधिवक्ता विकाश शाक्य ने प्रेस से बात चीत में कहीं। एक जन हित याचिका की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने सोन नदी मे बालू के अवैध खनन करने सम्बन्धित याचिका सुधाकर पाण्डेय एशोसिएट्स एवं न्यू मिनरल्स इण्डिया के विरूद्ध दाखिल किया गया था जिस पर ज्वांइट कमेटी जाँच कर रिपोर्ट एनजीटी को सौपी थी। परन्तु अधिकृत याचि ने याचिका व्यक्तिगत कारणो से वापस ले लिया परन्तु अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने यह याचिका जनहित में होने का बहस किया और याचिका को सो-मोटो एनजीटीआगे बढ़ा दिया उसके बाद बिरसा मुण्डा फाउण्डेशन के ऋतिशा गोड़ को अधिकृत करते हुए मध्य प्रदेश से सोनभद्र होते हुए बिहार के डिहरी आनसोन तक घड़ियाल, मगरमच्छ एवं कछुआ का अभ्यरण कारीडोर एवं कैमूर वन्यजीव अभ्यारण से लगे होने से जगह- जगह स्ट्रेच में बालू के खनन होने से पर्यावरण के भारी नुकसान होने संम्बन्धित इसी मामले मे याचिका सोन नदी सम्पूर्ण एवं खेवबन्धा के बालू साइड जो नदीयों के जंकशन पर स्थित है,के विरूद्ध प्रस्तुत कर दी। इसी याचिका में एक अन्य याचिकर्ता की सुनवाई में कोरगी-पिपरडीह कनहर नदी में अवैध खनन के सम्बन्ध में आई ए दाखिल किया है एनजीटी ने दोनो ए आई ए को स्वीकार करते हुए 138 पेज का विस्तृत निर्णय दिनांक 19 मई 2023 को सुनाया है।
उन्होने बताया कि सोनभद्र के सोन नदी में बालू खनन को पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध करते हुये मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश और बिहार तीनो राज्यों को निर्देश जारी किया है कि सोन नदी को अभ्यरण क्षेत्र में इको सेंसिटिव जोन का हिस्सा बनाये जाने पर विचार करें। संयुक्त जाँच कमेटी का पुनः गठन करते हुऐ सम्पूर्ण सोन नदी में सभी खनन क्षेत्रों की जाँच करने और रिपोर्ट एनजीटी तीन माह में जब तक नहीं सौपी जाती है तब तक खनन पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित रहेगा। एनजीटीने पूर्व में लगाये गये जुर्माना 15 करोड़ 24 लाख को पुष्ट किया है साथ ही पट्टा धारको के आगे पीछे जो भी बालू के खनन में शामिल रहे हो उनकी जांच होगी।
एनजीटी ने जिलाधिकारी सोनभद्र और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिया है कि सोन नदी में सभी खनन को बन्द कर दिया जाय।
मुझे मिल रही है धमकी-
अभिषेक चौबे
सोनभद्र। एनजीटी में याचिकर्ताओं की ओर से लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया कि मैं विकास विरोधी नहीं हूं मुझे धमकी मिल रही है लेकिन मैने पर्यावरण और प्रकृति सरंक्षण में एक छोटा प्रयास कर रहा हूं यही तो वर्तमान सरकार भी चाहती है लेकिन मेरे प्रयास को कुछ लोग विरोधी बता फोन पर धमकी दे रहे है जिससे मैं डरने वाला नही हूं।