प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर एनजीटी की कड़ी आपत्ति, सलईबनवा में हो रहे सीमेंट फैक्ट्री निर्माण का मामला,बाधित किये गये प्राकृतिक नाला को मुक्त कराने का आदेश
सोनभद्र। म्योरपुर व चोपन ब्लॉक के सीमावर्ती, रेणुकूट चोपन रेल मार्ग के बीच सलई बनवा स्थित एसीसी सीमेंट फैक्ट्री सलईबनवा और रेलवे साइडिंग पर कोयले के भंडारण पर एक्शन कमेटी गठित कर रिपोर्ट एनजीटी ने तलब करते हुए एसीसी प्रबंधन को प्राकृतिक जल स्रोत के नाले और उसके ऊपर बने बाउंड्री से तत्काल मुक्त कराने और ह्यूम पाइप हटाने का आदेश दिया है।इसकी जानकारी याचिकाकर्ता विकाश शाक्य एवं उनके अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने दी। अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया कि एसीसी सीमेंट फैक्ट्री का निर्माण सलईबनवा में चल रहा है जिसमे प्राकृतिक जल स्रोत के नाले एवं बांध को अपने कब्जे में बाउंड्री वाल के अंदर लेकर उसके प्राकृतिक स्वरूप को नष्ट किया जा रहा है। सलईबनवा रेलवे साइडिंग पर भी कोयला डंप कर नाले की धारा को बाधित कर दिया गया इस प्रकार के कृत्य से पर्यावरण को भारी क्षति पहुंची है जिसको लेकर एनजीटी दिल्ली में विकाश शाक्य ने याचिका प्रस्तुत की है, जिस पर सर्वेक्षण के पश्चात रिपोर्ट के दृष्टिगत एसीसी प्रबंधन को आदेश दिया गया की बाउंड्री वॉल को तत्काल नाले के ऊपर से हटा ले ह्यूम पाइप भी निकाल ले और वहा रेलवे साइडिंग पर डम्प कोयला पर सख्ती करते हुए एक्शन कमेटी का गठन किया गया है। श्री शाक्य ने बताया कि सलईबनवा रेलवे साइडिंग पर कोयले का अवैध भंडारण और कोयले का अवैध परिवहन सड़क मार्ग से हुआ है जिससे सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं साथ ही पर्यावरण को भी काफी क्षति पहुंचाई गई है। इस मामले को भी एसीसी की याचिका के साथ जोड़कर उठाया गया है। शाक्य ने बताया कि सोनभद्र में कंपनी प्राकृतिक संसाधनों पर अपना कब्जा जमा रही है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एनजीटी में अगली सुनवाई 16 अगस्त को नियत की गई है जिसमें एक और आईपीएल दाखिल करके इस प्रकरण से जुड़े मुद्दों को उठाया जायेगा।