dsandesh: बेलहत्थी के धौंकी नाला और रजनी पहाड़ी क्षेत्र में दस एकड़ वन भूमि पर सैकड़ो पेड़ किए गए जमीदोह


बीच जंगल में खनन कर  मोरम,गिट्टी और सोलिंग का दोहरी करण में हो रहा प्रयोग,


वन  प्रभाग रेणुकूट के पिपरी रेंज क्षेत्र का मामला,विभाग का दावा नही हुआ खनन


सोनभद्र। म्योरपुर ब्लॉक के रेणुकूट वन प्रभाग के पिपरी रेंज स्थित बेल हत्थी ग्राम पंचायत के रजनी पहाड़ी  और धौली नाला में  एक किसान के खेत और वन भूमि से घने जंगलों के बीच  कथित रेलवे ठेकेदारों ने दस एकड़ से ज्यादा पहाड़ी खोद कर रेलवे लाइन के दोहरी करण में मिट्टी, मोरम, सोलिंग के लिए प्रयोग कर लिया और वन विभाग  दावा कर रहा है कि वहा कोई खनन हुआ ही नहीं है।स्थानीय ग्रामीणों ने नाम ना छापने  का आग्रह करते हुए बताया की हम लोगो ने राजस्व और  वन विभाग के बीट के अधिकारियों को मौखिक रूप से  सूचना दी लेकिन कोई सुनता नही।ग्रामीणों ने फोटो और  वीडियो मीडिया कर्मियों को साक्ष्य के तौर पर देते हुए बताया की रजनी पहाड़ी और  रेलवे लाइन की दूरी एक किमी से ज्यादा ही होगी वही ढौकी  नाला के पास वन विभाग के बीट के वन रक्षक और दरोगा के सह पर एक हजार से ज्यादा पेड़  पोपलेन से जमीदोह कर दिए गए ।ग्रामीणों का दावा है कि खनन पूर्व पहाड़ी में एक हजार से ज्यादा साखु,तेंदू, आसन,और खैर के बेस कीमती पेड़ थे।जिसे खनन के दौरान जमीदोह् कर गप चुप बेच दिया गया और पहाड़ी को समतल कर दिया गया।जिससे जंगल और पहाड़ी का  प्राकृतिक  स्वरूप तो बिगड़ ही गया पर्यावरण  और राजस्व का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।स्थलीय निरीक्षण करने वाले एक सरकारी कर्मचारी ने बताया की हजार से ज्यादा पेड़  तो काटे ही गए साथ में दस एकड़ से ज्यादा  वन भूमि  की जमीन  खोदी गई है।दवा  उक्त कर्मचारी ने दावा किया कि जब हम पुलिस लेकर गए तो खननं करने वाले मौके से भाग गए।स्थानीय ग्रामीणों ने प्रभागित वनाधिकारी,जिलाधिकारी और मुख्य वन  संरक्षक का ध्यान आकृष्ट कराते हुए तत्काल जांच कर जिमेदारो के खिलाफ कार्यवाही और ठेकेदार से जुर्माना वसूले जाने की मांग की है। मामले को लेकर वन दरोगा शैलेंद्र कुमार विमल ने सेल फोन पर बताया कि कही भी वन भूमि में खनन हुआ ही नहीं है।ग्रामीणों का आरोप गलत है। वही एडीएम सहदेव मिश्रा ने बताया की सुरक्षित वन क्षेत्र के लिए डीएफओ की जिमेदारी है।फिर भी हमने उनसे रिपोर्ट तलब की है।
जमीन रेलवे की है है तो पेड़ो को वन निगम को कटवाना चाहिए था।
म्योरपुर। वन प्रभाग रेणुकूट के जिस वन भूमि को रेलवे ने दोहरी करण के लिए अधिग्रहित किया है।उस पर हजारों की संख्या में बेस कीमती  पेड़ थे नियमानुसार वन विभाग को खनन क्षेत्र के जद में आए पेड़ो को छपान करके उसे कटवाने की जिमेवारी वन निगम को देनी चाहिए थी।लेकिन मौके पर बड़े पेड़ो को ठेकेदार के आदमी तो बोटा बना के गायब कर दिए और पतले पेड़ो को वही जमीदोह कर दे रहे है।ग्रामीणों ने जमीदोह किए पेड़ो को भी मीडिया के सामने प्रस्तुत किया।स्थानीय निवासी दूध नाथ ने बताया की जमीन जिसकी भी हो वह जांच का  विषय है लेकिन पेड़ो के काटने से पर्यावरण को भारी नुकसान  पहुंचा है।जिसकी जांच होनी चाहिए।

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