dsandesh: मोहन भागवत होश में आओ पंडित जातिवादी होते तो उनके आराध्य श्रीराम नहीं दादा रावण होते- आचार्य अजय कुमार पाठक..
सोनभद्र। धन्वंतरी पतंजलि योग संस्थान के संयोजक योग गुरु आचार्य अजय कुमार पाठक ने कहा कि संघ-संचालन मोहन भागवत होश में आओ
पंडित जातिवादी होते तो उनके आराध्य श्रीराम नहीं दादा रावण होते,और आदरणीय जी आप सुनिये सत्ता हम वही है जो देश के लिए निःस्वार्थ और 1857 में पहली स्वतंत्रता संग्राम के लड़ाई की बिगुल फुकी थी,और बाबा तुलसीदास जी चौपाई की तो पांच हजार साल पूर्व अवध की भाषा मे सरलता से लोगो को धर्म समझ आ जाये इसलिए इसका अनुवाद किया गया है,अगर बाबा तुलसीदास दास जी को सूद्र और महिलाओं से नफरत होती तो वो निषाद राज केवट,सबरी और अहिल्याबाई का सम्मान क्यों करते हुए वर्णन क्यों करते। अर्थ का अनर्थ क्यों हो रहा,अगर हम पंडितों ने समाज को जोड़ने के लिए सन्त रविदास,सन्त कबीर के बारे में गलत क्यों न लिख दिया,क्योंकि हम लोगो का मूल उद्देश्य लोगो शिक्षा प्रदान करना था,हा कुछ आर्थिक सम्पन्न लोगों ने समाज मे कुरूतियों फैलाई लेकिन इसका मतलब ये न कि आप पूरे वर्ग को ही सत्ता के नशे में अपमानित कर देंगे यह बयान सिर्फ और अन्य वर्ग के लोगो को राजनीतिक लालसा के माध्यम से लुभाने का प्रयास किया जा रहा है संघ संचालक जी आप पूरे पंडित समाज से माफी मांगनी होगी