प्रेम कुमार यादव की रिपोर्ट
लखनऊ। सार्वजनिक स्थानों पर पान-मसाला की बिक्री पर रोक पर आदेश तो बे-असर है ही अब पान मसाले की आड़ में अवैध मादक पदार्थों की बिक्री का भी चलन जोरो से हो गया है। केजीएमयू समेत के बड़े सरकारी प्राइवेट अस्पतालों हाईकोर्ट के आसपास जहां लोगों को धूम्रपान व तंबाकू न खाने के लिए जागरूक किया जाता है वहीं परिसर के चारों तरफ पान-मसाला और सिगरेट की दुकानें सजी दुकानों में अवैध मादक पदार्थ की बिक्री चोरी-छिपे चल रही है। इन दुकानों को हटवाने के लिए कई बार मांग की गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
केजीएमयू में ट्रॉमा सेंटर और शताब्दी अस्पताल के गेट के बीच पान मसाले की तो स्थायी दुकानें है। वही राजधानी के कई प्रतिष्ठित प्राइवेट एवं सरकारी अस्पतालों में भी पान मसाले की दुकानें सजी हुई हैं। यहां तीमारदारों के साथ ही चिकित्सक भी पान मसाला और सिगरेट खरीदते और खाते नजर आते हैं। अभियान के दौरान इन दुकानों को हटाने का प्रयास किया जाता है, लेकिन दूसरे दिन ये दुकानें फिर लग जाती हैं ।
कई नामी-गिरामी प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों के गेट के बाहर पान-मसाला की कई दुकानें वर्षो से चल रही हैं। इन्हें हटाने की जहमत अस्पताल प्रशासन नहीं उठाता है। ऐसे में वहां पर पान-मसाले की गुमटियां लगातार बढ़ती जा रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कई दफा उन्हें हटाया गया मगर वे दोबारा काबिज हो गए। लखनऊ के न्यू हाईकोर्ट सिविल कोर्ट विधान भवन के आसपास भी सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद धड़ल्ले से बिक रहे हैं। इन्हें रोकने का जिम्मा उठाने वाले ही यहां धुआं उड़ाते दिखते हैं। इन्हें अभी तक हटवाया नहीं जा सका है, जबकि इनके गेटों से उच्चाधिकारियों के साथ ही सम्मानित जज व जनप्रतिनिधि भी गुजरते हैं।
इन सार्वजनिक स्थलों की गेटो के आसपास पान-मसाला की दुकानें अरसे से लगीं रही हैं। यहां पर पान मसालों की दुकानों की तादाद बढ़ती जा रही हैं।
क्या है कोटपा नियम
सरकार की ओर से सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अभियान 2003 (कोटपा) बनाया गया है। इसके तहत निम्न प्रावधान किए गए हैं।
- सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू व इससे जुड़े उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबंध है। बिक्री करने और धूम्रपान करने पर 200 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
- 18 साल से कम उम्र का व्यक्ति कहीं भी सिगरेट व तंबाकू से जुड़ी चीजें नहीं बेच सकता है। ऐसा करते पाये जाने पर 200 रुपये जुर्माना लगेगा। बेचने के लिए विवश करने वालों पर भी इतना ही जुर्माना।
- शिक्षा संस्थानों के 100 गज के घेरे में तंबाकू की बिक्री प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर जुर्माना और रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रावधान है।
- तंबाकू उत्पादों के प्रचार पर प्रतिबंध है। इसका उल्लंघन करते पाए जाने पर पहली बार एक हजार जुर्माना, दो साल कैद। दूसरी बार पकड़े जाने पर पांच हजार जुर्माना और पांच साल की कैद है।
- तंबाकू उत्पाद के सभी पैकेट पर तस्वीर के साथ स्वास्थ्य चेतावनी देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उत्पादक और निर्माता को पहली बार पांच हजार या दो साल की कैद। दूसरी बार 10 हजार रुपये और पांच साल की कैद। विक्रेता या वितरक को पहली बार एक हजार रुपये और एक साल की कैद। दूसरी बार पकड़े जाने पर तीन हजार जुर्माना और दो साल की कैद का प्रावधान है।