सोनभद्र। भ्रष्टाचार को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लगातार कार्यवाही के बाद भी दुद्धी में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नही ले रहा है। अभी कुछ महीने पहले ही दो लेखपालों को निलंबित करने का मामला शांत भी नहीं हुआ कि कनहर विस्थापितों ने भिसुर गांव के लेखपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
लेखपाल के शिकायत के बाद उस समय ग्रामीण भड़क गए जब रिश्वत के आरोपी लेखपाल ने गांव में जाकर ग्रामीणों को फुट डालो राज करो कि नीति अपनाते हुए आपस में ही लड़ा दिया। तब से ग्रामीण अब आर-पार के मूड में आ गए हैं और लगातार शिकायतों का दौर जारी है। इसी क्रम में बहु प्रतीक्षित कनहर सिंचाई परियोजना डूब क्षेत्र के भिसुर गांव के रिश्वत के आरोपी लेखपाल को नही हटाए जाने का मामला सोमवार डी एम कार्यालय सोनभद्र पहुच गया।
सोमवार को दोपहर जिला कार्यालय पहुचे कनहर विस्थापित क्षेत्र पंचायत सदस्य अनिल कुमार, पूर्व ग्राम प्रधान चिंतामणि, पंचायत मित्र राजेश कुमार, शशिकांत, सत्यदेव, रामबचन सिंह खरवार, बिगन, सोमारू राम सहित अन्य विस्थापितों ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 6 सालों से तैनात लेखपाल विस्थापन पैकेज में जमकर भ्रष्टाचार करने में जुटा हुआ है, जिसकी शिकायत लगातार की जा रही है।विस्थापितों ने बताया कि कई सालों से तैनात लेखपाल द्वारा बिना पैसे के कोई काम नही किया जाता है। कनहर विस्थापितों ने जिलाधिकारी के गैर मौजूदगी में अपना शिकायती पत्र जिला कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। इसके बाद विस्थापितों का दल अपर जिलाधिकारी सहदेव मिश्रा को भी शिकायत की प्रति सौंप कर आरोपी लेखपाल को हटाने की मांग की।
बता दें कि कनहर विस्थापितों ने रिश्वत के आरोपी लेखपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नवम्बर महीने के 5 तारीख से शुरू हुई शिकायतों का दौर थमने का नाम नही ले रहा है।ग्रामीण अब तक दो बार तहसील समाधान दिवस तथा एक बार मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा चुके हैं,फिर भी तहसील प्रशासन द्वारा अब तक आरोपी लेखपाल के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है।जबकि उक्त लेखपाल का एक ऑडियो भी जिम्मेदार अधिकारियों को भेज दी गई है, जिसमें साफ तौर पर सुना जा सकता है कि पैसे की लेन- देन की बात की जा रही है।हालांकि इसी तरह कथित एक ऑडियो वायरल होने के मामले में डूब गांव सुंदरी के लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है लेकिन भिसुर गांव के लेखपाल को अब तक न तो निलंबित किया गया है और न ही कार्य क्षेत्र से हटाया गया है, जिससे डूब क्षेत्र के ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।