दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी माँ के निधन पर ट्वीट कर कहा है,''शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम.. माँ में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है,जिसमें एक तपस्वी की यात्रा निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी,जो हमेशा याद रहती है- काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से। हीराबेन का जन्म मेहसाणा ज़िले के विसनगर में हुआ था। यह वडनगर के क़रीब है. हीराबेन के जन्म के कुछ दिनों बाद ही उनकी माँ यानी पीएम की नानी की मौत हो गई थी। एक शताब्दी पहले आई वैश्विक महामारी में उनकी मौत हुई थी। पीएम मोदी ने इसी साल 18 जून को बताया था,मेरी माँ का बचपन माँ के बिना ही बीता,वो अपनी माँ से ज़िद नहीं कर पाईं,उनके आंचल में सिर नहीं छिपा पाईं.माँ को अक्षर ज्ञान भी नसीब नहीं हुआ,उन्होंने स्कूल का दरवाज़ा भी नहीं देखा.उन्होंने देखी तो सिर्फ़ ग़रीबी और घर में हर तरफ अभाव। पीएम मोदी के मुताबिक़ उनकी माँ अपने परिवार में सबसे बड़ी थीं और जब शादी हुई तो भी सबसे बड़ी बहू बनीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी की माँ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा है। 'प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की माताश्री,हीराबेन के निधन से मुझे गहरी वेदना हुई है। एक माँ का निधन किसी भी व्यक्ति के जीवन में ऐसी शून्यता लाता है। जिसकी भरपाई असंभव है। दुख की इस घड़ी में प्रधानमंत्री जी और उनके पूरे परिवार के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ. ॐ शांति!
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रधानमंत्री की माँ के निधन पर शोक संदेश में लिखा है,''भक्ति,तपस्या और कर्म की त्रिवेणी नरेंद्र मोदी जी जैसे महान व्यक्तित्व को गढ़ने वाली माँ के चरणों में सादर प्रणाम. पूज्य माँ सदैव प्रेरणा बनी रहेंगी.''
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पीएम मोदी की माँ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा है, ''माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी की माताश्री पूज्य हीराबा का निधन बेहद दुखद है. पूज्य हीराबा ने वात्सल्य, सादगी,परिश्रम और उच्च मूल्यों वाला जीवन जिया. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति मिले. ऊं शांति.''
इसी साल 18 जून को प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी माँ का 100वाँ जन्मदिन मनाया था।पीएम मोदी अपनी माँ के सौ बरस पूरे होने पर गांधीनगर गए थे. हीराबेन के 100 बरस पूरे होने पर पीएम मोदी ने एक भावुक ब्लॉग भी लिखा था। अपने ब्लॉग में पीएम मोदी ने लिखा था, ''आज मैं अपनी ख़ुशी, अपना सौभाग्य,आप सबसे साझा करना चाहता हूँ. मेरी माँ,माँ आज 18 जून को अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं.यानी उनका जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है. पिताजी आज होते,तो पिछले सप्ताह वो भी 100 वर्ष के हो गए होते। यानी 2022 एक ऐसा वर्ष है, जब मेरी माँ का जन्मशताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है और इसी साल मेरे पिताजी का जन्मशताब्दी वर्ष पूर्ण हुआ है। पीएम मोदी ने लिखा था,''आज मेरे जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, मेरे व्यक्तित्व में जो कुछ भी अच्छा है,वो माँ और पिताजी की ही देन है। आज जब मैं यहां दिल्ली में बैठा हूँ, तो कितना कुछ पुराना याद आ रहा है। मेरी माँ जितनी सामान्य हैं,उतनी ही असाधारण भी. ठीक वैसे ही, जैसे हर माँ होती है. आज जब मैं अपनी माँ के बारे में लिख रहा हूं तो पढ़ते हुए आपको भी ये लग सकता है कि अरे, मेरी मां भी तो ऐसी ही हैं, मेरी मां भी तो ऐसा ही किया करती हैं. ये पढ़ते हुए आपके मन में अपनी मां की छवि उभरेगी.''
पीएम मोदी ने लिखा था, ''माँ की तपस्या,उसकी संतान को सही इंसान बनाती है.माँ की ममता, उसकी संतान को मानवीय संवेदनाओं से भरती है.माँ एक व्यक्ति नहीं है,एक व्यक्तित्व नहीं है,माँ एक स्वरूप है. हमारे यहाँ कहते हैं,जैसा भक्त वैसा भगवान. वैसे ही अपने मन के भाव के अनुसार,हम माँ के स्वरूप को अनुभव कर सकते हैं.''